सफ़र
सफर लम्बा है जानते थ।
साथ इतना खूबसूरत होगा ये कहाँ पहचानते थे।
एक दुसरे की महफ़िल में यु घुले आज हम
मंज़िल बिना देखे बस हाथ में हाथ डाले चले थे
देखो कहाँ पोहोच गए।
यह काफिराना इश्क़ का नहीं, चाहत का है।
मेरी हकीकत मेरा सच ये है और अब हमारा।
मंज़िल का क्या है, ये सफर सुहाना है।
तुम्हारे साथ, सिर्फ तुम्हारे साथ।
साथ इतना खूबसूरत होगा ये कहाँ पहचानते थे।
एक दुसरे की महफ़िल में यु घुले आज हम
मंज़िल बिना देखे बस हाथ में हाथ डाले चले थे
देखो कहाँ पोहोच गए।
यह काफिराना इश्क़ का नहीं, चाहत का है।
मेरी हकीकत मेरा सच ये है और अब हमारा।
मंज़िल का क्या है, ये सफर सुहाना है।
तुम्हारे साथ, सिर्फ तुम्हारे साथ।